तुझी सुंदरता आणि मी

सुंदर मोत्यासारखे तुझे नयन हे
शिंपलेरुपी काजळ घालण्याचा माझा अधिकार ना ,
सुंदर आभाळासारखे तुझे लट हे
पहिल्या पाउसासारखा प्रेमळ फुल मी घालणार ना ॥१॥


सुंदर मधासारखे तुझे शब्द हे
मधमाशी सारख एकाग्र होऊन ऐकणार ना ,
सुंदर नदी सारखे तुझे गाल हे
पाणी समजून स्वतःला सोबत वाहणार ना ॥२॥



सुंदर कळीसारखे तुझे हास्य हे
भोवरा बनून जवळ मी फिरकणार  ना ,
सुंदर वार्‍यासारखे तुझे स्पर्श कर हे
मंत्रमुग्ध होऊन आनंद मी लुटणार ना ॥३॥

सुंदर लाजाळुसारख तुझे लाजण हे
लाजण तुझे पाहुन मला आनंद होणार ना ,
सुंदर इंद्रधनुष्य सारखे तुझे प्रेम हे
उत्साही होऊन मी त्यावर आपला हक्क समजणार ना ॥४॥


                                    - सत्यमा 

लाॅक डाउन सब के लिए एक समान तो नही

     कई लोग  रोज कुछ न कुछ                                              नए नए पकवान बनाकर  खा रहे हैं                                    कई लोग एक वक्त की                                                    रोटी खाए बगैर भूखे सोए जा रहे हैं    
     पेट भर कर घर में जो खुश है
     वो गहर प्यारी निंद के जाल में सो रहे हैं
     जो पेट नहीं भर पा रहे है
     वो नींद को ओढ़कर भुख टाल रो रहे हैं
   लॉक डाउन सब के लिए एक समान तो नहीं
   व्यंजन बनाना सीखना कहीं तो भूख से दर्द कही


   कहीं लोग परीवार के साथ खुशीसे
   समय हसते खेलते बिता रहें हैं
   कहीं लोग परीवार से कोसो दूर
   बस उनसे मिलने की चिंता करे है
   घरो में जो है परिवार के साथ में
   छूटियो जैसा मस्त आनंद उठा रहे है
    परिवार से दूर जो अटके पड़े है
   कोरोनासे लड़ने अपनी ज़िन्दगी लुटा रहे है
   लॉक डाउन सब के लिए एक समान तो नहीं
   परिवार संग कहीं कोई तो कोसों दूर परिवार से कोई कही


  कही लोग   Facebook comment खेल रहे है
  कही लोग कोरोना की मार झेल रहे है
  कही लोग Challenge accepted बोल रहे है
  कही लोग मुट्ठी में ज़िंदगी को तोल रहे है
  कही लोग Dalgona coffee बनाए जा रहे है
  कही लोग मरने के डर मे सताए जा रहे है
  लॉक डाउन सब के लिए एक समान तो नहीं
  Challenge की प्यारी मज़ा कही तो जीने की कठोर सज़ा कही 

मला वाटायचं

 मला वाटायचं तू मला प्रेम करायची
 तुझ्यासाठी तो निव्वळ एक खेळ होता ,
 तुला करमणुक होती ती वेळ घालवायची
 माझ्यासाठी तो दोन हृदयांचा मेळ होता ॥१॥

 मला वाटायचं तू माझ्यासोबत आयुष्य घालवशील
 तुझ्यासाठी तो क्षणभरचा सहारा होता ,
 तू आता आनंदात कुठेतरी जगत असशील
 माझ्यासाठी प्रेमच तुझं आशेचा निवारा होता ॥२॥

 मला वाटायचं तुला माझ्यासोबत वेळ घालावायला आवडते
 पण तो तुझा फक्त एक बहाणा होता ,
 तू खोटं बोलून खऱ्या हृदयाशी माझ्या काय मिळवते
 मला कळेल एवढं कुठे माझं हृदय शहाणा होता ॥३॥

 मला वाटायचं तू मला खूप जीव लावते
 तुझ्यासाठी मी म्हणजे विषय छोटी ओळख होता ,
 तू किती सहजच मला चुकीचा ठरवते
 मला कुठे माहीत होतं तुझ्या हृदयात काळोख होता ॥४॥


                                                           Kavi  सत्यमा

हिंसक कोरोना और हतबल इंसान

बड़ा गुरूर था इंसानो को परमाणु बम पर
सब विफल कर दिया एक वायरस ने ,
बड़ी तेज दौड़ती थी जिंदगी इंसानो की
रुक सी गयी है एक कोरोना जहर से ॥१॥

बदल रहा था इंसान सबकुछ अपने दम पर
सहम सा गया है आज जिने के डर मे
बिना रुके तरक्की कर जहां बदल रहा था इंसान
इंसान ही बदल गया है एक कोरोना प्रहार से ॥२॥

जा पहुँचा था दूर कही मंगल पर
कैद हो उठा है शांति से घर मे ,
इंसान को हो गया एहसास अपनी
लाचारी का आज एक कोरोना कहर से ॥३॥


कर के अविष्कार मजबूर कर रहा था सोचने पर
बस जुटा था सफलता की और बडी गौर से ,
दुसरो को खूब हैरान करने वाला इंसान
आज हैरान हो गया एक कोरोना संहार से ॥४॥


             
                                                         Kavi सत्यमा

आप और मेरा दिल

अगर खफा है हमसे किसी बात पर,
तो उन्हे खफा ही रहने दो सही ।
मनाएंगे दिल तोड़कर बडी शिद्दत से ,
फिर वो दिलबर माने या माने नही ।।

गलतिया तो यु हमसे भी होगी सनम ,
नाराजगी कभी उस हद् ना रखना राही ।।
प्यार नजरअंदाज होके खफाई ना नजर आये ,
और यु ही हमारा साथ  छुट ना जाए कही ।।

छोटी सी बातो पर जो तुम गुस्सा होती हो ,
बात हमेशा आपसे यही इस दिल ने कहनी चाही ।।
गुस्सा चाहे हमपर कितना ही आप कर लो ,
देखोगी आप प्यार हमारा रहेगा दिल में वही ।।

चाहे कितना ही क्यु ना तुम मुझे सता लो ,
दिल में हमेशा हमारे दिखेगा आपको सिर्फ यही ।।
चिर कर ही क्यु ना देखलो इस सच्चे दिल को ,
नाजनी तुम जिसके लिए प्यार की नदिया इसमे बही ।।